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Haryana News: सिरसा में पटवारी पर प्रशासन की बड़ी करवाई, विभाग ने किया निलंबित, जानिये क्या है मामला

 
 
, जानिये क्या है मामला

Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा के सिरसा जिले में राजस्व कार्यों में अनियमितताओं के चलते प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। तत्कालीन हलका हरिपुरा, तहसील रानिया के पटवारी विकास कुमार को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई 10 जनवरी 2025 को की गई, जब जांच में उनके कार्यों में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं।

जांच में अनियमितताओं का खुलासा

जिला प्रशासन ने राजस्व विभाग के कार्यों की नियमित समीक्षा के दौरान पाया कि पटवारी विकास कुमार के कार्यक्षेत्र में भूमि रिकॉर्ड के रखरखाव और अद्यतन में गंभीर त्रुटियां थीं। कई किसानों और भूमि मालिकों ने शिकायत की थी कि उनके भूमि रिकॉर्ड में गलत प्रविष्टियां की गई हैं, जिससे उन्हें असुविधा हो रही थी। इन शिकायतों के आधार पर एक विशेष जांच समिति का गठन किया गया, जिसने विकास कुमार के कार्यों की विस्तृत जांच की।

निलंबन की प्रक्रिया और आगामी कदम

जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर, जिला उपायुक्त ने विकास कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया। निलंबन अवधि के दौरान, उन्हें जिला मुख्यालय में उपस्थित रहने और किसी भी विभागीय जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, उनके स्थान पर नए पटवारी की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है, ताकि क्षेत्र के राजस्व कार्यों में कोई बाधा न आए।

प्रशासन की सख्ती और पारदर्शिता की पहल

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि राजस्व कार्यों में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं। किसानों और भूमि मालिकों के हितों की रक्षा करना प्रशासन की प्राथमिकता है, और किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस घटना के बाद, अन्य क्षेत्रों में भी राजस्व कार्यों की समीक्षा तेज कर दी गई है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया

विकास कुमार के निलंबन के बाद, स्थानीय समुदाय में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह कदम प्रशासन की पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है, जबकि अन्य लोग इसे विभागीय राजनीति का परिणाम मान रहे हैं। किसानों ने उम्मीद जताई है कि नए पटवारी की नियुक्ति के बाद उनके भूमि संबंधी कार्य सुचारु रूप से संपन्न होंगे।

भविष्य की चुनौतियां और सुधार की दिशा

इस घटना ने राजस्व विभाग में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटलाइजेशन और आधुनिक तकनीकों के उपयोग से भूमि रिकॉर्ड की पारदर्शिता और सटीकता बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा, कर्मचारियों के नियमित प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से अनियमितताओं को कम किया जा सकता है।