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हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर, 160 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन, जानें रूट 

 
Indian Railway

Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा में यातायात को सुगम बनाने और दिल्ली-एनसीआर के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए एक बड़ी पहल शुरू हो चुकी है। हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (HORC) के निर्माण से यातायात में सुधार होगा और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (HRIDC) पलवल-मानेसर-सोनीपत के बीच इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को विकसित कर रहा है।

क्या है हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर?

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर 121 किलोमीटर लंबा एक विद्युतीकृत डबल ट्रैक रेलवे लाइन प्रोजेक्ट है। यह परियोजना न केवल यातायात को आसान बनाएगी, बल्कि औद्योगिक केंद्रों को आपस में जोड़ने का काम करेगी। इसके पहले सेक्शन की लंबाई 29.5 किलोमीटर है, जो धुलावट से बादशाह तक फैली होगी। यह लाइन नूंह और गुरुग्राम जिलों से होकर गुजरेगी।

स्टेशनों की सूची और विशेषताएं

इस रेल कॉरिडोर के तहत 16 प्रमुख स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें सोनीपत, तुर्कपुर, खरखौदा, जसोर खेड़ी, मांडोठी, बादली, देवराखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, पचगांव, आईएमटी मानेसर, चांदला डूंगरवास, धुलावट, सोहना, सिलानी और न्यू पलवल शामिल हैं।

इन स्टेशनों को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि यह औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों को समर्थन दें। आईएमटी मानेसर में कॉरिडोर का स्टेशन औद्योगिक विकास को गति देगा।

मारुति सुजुकी प्लांट के पास गुजरेगा ट्रैक

यह रेल कॉरिडोर देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी के मानेसर स्थित प्लांट के पास से होकर गुजरेगा। यह प्लांट रेल ट्रैक से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित होगा। इससे कारों की लोडिंग-अनलोडिंग में आसानी होगी और सड़क पर ट्रकों की संख्या घटेगी। इससे डीजल की बचत के साथ-साथ प्रदूषण में भी कमी आएगी।

160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर पर ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी। कॉरिडोर में 4.7 किलोमीटर लंबी दो सुरंगें भी बनाई जाएंगी। इन सुरंगों की ऊंचाई 11 मीटर और चौड़ाई 10 मीटर होगी, जिससे डबल स्टैक कंटेनर भी आसानी से गुजर सकें।

केएमपी एक्सप्रेसवे के साथ होगी योजना का समन्वय

यह परियोजना कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे के साथ विकसित की जाएगी। दोनों परियोजनाओं का संयोजन दिल्ली-एनसीआर के यातायात को बेहद सुगम बनाएगा। इसके जरिए औद्योगिक क्षेत्रों को माल ढुलाई की तेज और किफायती सुविधा मिलेगी।

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से होगा जुड़ाव

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर पृथला और तावडू में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) से जुड़ा होगा। यह जुड़ाव राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को और अधिक सुलभ बनाएगा। इस कॉरिडोर से रोजाना 5 करोड़ टन माल ढुलाई संभव होगी।

प्रदूषण और यातायात जाम में होगी कमी

रेल कॉरिडोर के बनने से सड़कों पर वाहनों का दबाव घटेगा। ट्रकों और अन्य भारी वाहनों की संख्या में कमी आने से प्रदूषण में गिरावट होगी। यह परियोजना हरियाणा के औद्योगिक केंद्रों को जोड़ने और राज्य की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।