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हरियाणा की खिलाड़ी मनु भाकर के दोनों ब्रॉन्ज मेडल होंगे वापस! शिकायत के बाद हुआ बड़ा फैसला, जानें पूरी डिटेल 

 
 
हरियाणा की खिलाड़ी मनु भाकर के दोनों ब्रॉन्ज मेडल होंगे वापस! शिकायत के बाद हुआ बड़ा फैसला

Haryana Kranti, चंडीगढ़: भारतीय शूटर मनु भाकर, जिन्होंने पेरिस ओलंपिक 2024 में दो कांस्य पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया था, अब अपने इन पदकों की गुणवत्ता में कमी के चलते उन्हें बदलने की प्रक्रिया से गुजरेंगी। यह निर्णय तब लिया गया जब कई एथलीटों ने अपने पदकों की खराब होती स्थिति की शिकायत की।

पदकों की गुणवत्ता पर उठे सवाल

पेरिस ओलंपिक 2024 के बाद, मनु भाकर सहित कई अंतरराष्ट्रीय एथलीटों ने अपने पदकों के रंग उतरने और उनकी गुणवत्ता में गिरावट की शिकायतें दर्ज की थीं। कुछ खिलाड़ियों ने सोशल मीडिया पर अपने पदकों की तस्वीरें साझा करते हुए उनकी खराब स्थिति को उजागर किया। इन शिकायतों के बाद, अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पदक निर्माता कंपनी मोनाई डे पेरिस को सभी दोषपूर्ण पदकों को बदलने का निर्देश दिया। 

मोनाई डे पेरिस का कदम

मोनाई डे पेरिस, जो फ्रांस की सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी है और सिक्कों सहित अन्य मुद्राओं का निर्माण करती है, ने पेरिस ओलंपिक के लिए 5,084 स्वर्ण, रजत और कांस्य पदकों का निर्माण किया था। इन पदकों में एफिल टॉवर के लोहे के टुकड़े शामिल किए गए थे, जो उन्हें विशेष बनाते हैं। कंपनी ने अब घोषणा की है कि वह सभी खराब हुए पदकों को बदलकर नए पदक प्रदान करेगी, ताकि एथलीटों की मेहनत और सम्मान सुरक्षित रह सके। 

मनु भाकर की उपलब्धियां

हरियाणा की रहने वाली 22 वर्षीय मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर भारत की पहली महिला निशानेबाज बनने का गौरव हासिल किया। इसके बाद, उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम इवेंट में एक और कांस्य पदक जीता। इस प्रकार, वह स्वतंत्रता के बाद एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं। 

खेल रत्न पुरस्कार से वंचित?

हालांकि मनु भाकर ने ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन हाल ही में जारी ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार की नामांकित सूची में उनका नाम शामिल नहीं था। इस पर राष्ट्रीय राइफल संघ (NRAI) के अध्यक्ष ने खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। 

एथलीटों की प्रतिक्रिया

पदकों की गुणवत्ता में कमी की खबर के बाद, कई एथलीटों ने निराशा व्यक्त की है। उनका मानना है कि ओलंपिक पदक उनकी मेहनत और समर्पण का प्रतीक होता है, और उसकी गुणवत्ता में कमी उनके सम्मान को ठेस पहुंचाती है। IOC और मोनाई डे पेरिस के इस निर्णय से एथलीटों को उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही नए और उच्च गुणवत्ता वाले पदक मिलेंगे।