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हरियाणा का 5 नेशनल गोल्ड जीतने CRPF जवान शहीद, सैन्य सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

 
 
NARENDRA KUMAR MARTYRED

Haryana Kranti, चंडीगढ़: 20 दिसंबर को हरियाणा के जींद जिले के निवासी और सीआरपीएफ में तैनात जवान नरेंद्र कुमार का जम्मू के उधमपुर में ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से निधन हो गया। 38 वर्षीय नरेंद्र कुमार को सुबह 9 बजे अचानक दिल का दौरा पड़ा। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनका निधन हो गया। शनिवार को उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली हेडक्वार्टर लाया गया, जहां सैन्य अधिकारियों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।

सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई
रविवार को नरेंद्र कुमार का पार्थिव शरीर सीआरपीएफ की टुकड़ी द्वारा जींद पहुंचाया गया। पटियाला चौक के पास श्मशान घाट में सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान उनके बड़े भाई विजेंद्र सिंह ने मुखाग्नि दी। अंतिम विदाई के वक्त इलाके के लोग और सैन्य अधिकारी मौजूद थे। नरेंद्र कुमार के परिवार में उनकी पत्नी और 5 साल का बेटा है।

छुट्टी से लौटे थे ड्यूटी पर
नरेंद्र कुमार हाल ही में अपनी छुट्टी पूरी करके ड्यूटी पर लौटे थे। उनकी तैनाती वर्तमान में उधमपुर में थी। उन्होंने सीआरपीएफ में अपनी 12 साल की सेवा के दौरान बेंगलुरु, श्रीनगर, गुवाहाटी, असम, छत्तीसगढ़, झारखंड और जम्मू जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर अपनी जिम्मेदारियां निभाईं। छह साल तक वह सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो यूनिट का हिस्सा भी रहे।

बास्केटबॉल में थे नेशनल प्लेयर
नरेंद्र कुमार का जीवन सिर्फ सैन्य सेवा तक सीमित नहीं था। वह बास्केटबॉल के नेशनल प्लेयर थे। 9 साल की उम्र से ही उन्होंने बास्केटबॉल खेलना शुरू कर दिया था। उन्होंने नेशनल लेवल पर पांच गोल्ड मेडल जीते और हरियाणा स्टेट में 6 साल तक चैंपियन बने रहे। खेल के प्रति उनके जुनून ने उन्हें सीआरपीएफ में स्पोर्ट्स कोटे से भर्ती कराया।

शिक्षा और सेवाएं
नरेंद्र कुमार ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। पढ़ाई के साथ-साथ वह हमेशा खेलों में सक्रिय रहे। सीआरपीएफ में सेवा के दौरान उन्होंने कई कठिन इलाकों में तैनाती पाई। झारखंड और असम में उन्होंने कोबरा कमांडो के रूप में कई मिशन पूरे किए। उनकी सेवाएं हमेशा याद की जाएंगी।

क्षेत्र में शोक का माहौल
उनकी शहादत की खबर से जींद और आसपास के इलाकों में शोक का माहौल है। अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। हर किसी की जुबान पर सिर्फ यही था कि नरेंद्र कुमार ने देश सेवा में अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया।