हरियाणा के छोरे ने बढ़ाया देश का गौरव! अंटार्कटिका की विनसन मैसिफ चोटी पर लहराया तिरंगा, बनाया नया रिकॉर्ड
Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव नेहरूगढ़ के युवा पर्वतारोही नरेंद्र सिंह यादव (Narendra Singh Yadav) ने अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी विनसन मैसिफ (4892 मीटर) को फतेह कर नया इतिहास रच दिया है। इस उपलब्धि के साथ उन्होंने सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतेह करने का अपना सपना पूरा किया और देश के पहले युवा पर्वतारोही बनने का रिकॉर्ड भी कायम किया। नरेंद्र की यह सफलता न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष का परिणाम है, बल्कि यह देश का भी गौरव बढ़ाती है।
कठिन चुनौतियों के बावजूद सफलता
नरेंद्र सिंह यादव ने 25 दिसंबर 2023 को विनसन मैसिफ चोटी पर तिरंगा फहराया, जब पर्वत का तापमान लगभग -52 डिग्री सेल्सियस था। इस अभियान में बेस कैम्प से चोटी तक पहुंचने में उन्हें 6 दिन का समय लगा। इस कठिन यात्रा में पूरी दुनिया के पर्वतारोही शामिल हुए थे, जिनमें नरेंद्र ने भारत का प्रतिनिधित्व किया।
नरेंद्र का पर्वतारोहण सफर
नरेंद्र यादव का पर्वतारोहण का सफर 12 वर्ष की आयु में शुरू हुआ था, जब उन्होंने जम्मू और कश्मीर की पहाड़ियों पर चढ़ाई शुरू की थी। इसके बाद उन्होंने पर्वतारोहण के विभिन्न पाठ्यक्रमों को पूरा किया:
2012 में बेसिक्स ऑफ माउंटेनियरिंग
2013 में एडवांस माउंटेनियरिंग
2015 में मेथड्स ऑफ इंस्ट्रक्शन (MOI)
2022 में सर्च एंड रेस्क्यू
उनकी पर्वतारोहण यात्रा के प्रमुख पड़ावों में माउंट एवरेस्ट, माउंट किलिमंजारो, माउंट एल्ब्रस और माउंट कोसियसको शामिल हैं। उन्होंने 2016 और 2022 में बिना किसी अनुकूलन के माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की और यह उपलब्धि सिर्फ 6 दिन में हासिल की।
विश्व रिकॉर्ड्स
नरेंद्र ने अब तक 22 वैश्विक रिकॉर्ड बनाए हैं और उन्हें विश्व सम्राट के रूप में सम्मानित किया गया है। उन्होंने सात शिखरों को फतेह कर विश्व के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बनने का रिकॉर्ड भी कायम किया है। उनका रिकॉर्ड अब 30 वर्ष और 10 दिन की आयु में है, जबकि इससे पहले यह रिकॉर्ड 34 वर्ष, 7 महीने और 16 दिन की आयु में था।
नरेंद्र की भविष्य की योजना
नरेंद्र का लक्ष्य भविष्य में और भी ऊंची चोटियों को फतेह करने का है और वह पर्वतारोहण के क्षेत्र में अपने देश का नाम और भी रोशन करना चाहते हैं। उनका मानना है कि कठिनाइयाँ सफलता की सीढ़ियां होती हैं, और उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
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