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HSSC CET 2024 में इस प्रकार काम करेगा अनुसूचित जाति का आरक्षण, डीएससी या ओएससी केटेगरी किसे मिलेगा ज्यादा लाभ ? यहाँ समझें...

हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी) के आरक्षण को दो श्रेणियों में विभाजित करने का निर्णय लिया है, जिसमें वंचित अनुसूचित जातियां (डीएससी) और अन्य अनुसूचित जातियां (ओएससी) शामिल होंगी। इस नए नियम का उद्देश्य अनुसूचित जातियों में समान अवसर प्रदान करना है। ग्रुप C और D पदों के लिए होने वाले कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) में यह व्यवस्था लागू होगी।
 
HSSC CET 2024

HSSC CET: हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी) के आरक्षण को दो श्रेणियों में विभाजित करने का निर्णय लिया है, जिसमें वंचित अनुसूचित जातियां (डीएससी) और अन्य अनुसूचित जातियां (ओएससी) शामिल होंगी। इस नए नियम का उद्देश्य अनुसूचित जातियों में समान अवसर प्रदान करना है। ग्रुप C और D पदों के लिए होने वाले कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) में यह व्यवस्था लागू होगी।

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा आयोजित होने वाली ग्रुप C और D भर्तियों के लिए, जो उम्मीदवार पहले से वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) कर चुके हैं, वे अपनी श्रेणी डीएससी या ओएससी में अपडेट कर सकते हैं। नई रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में श्रेणी अपडेट का विकल्प पहले से उपलब्ध रहेगा।

सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जातियों के आरक्षण का 20% कोटा है, जिसे डीएससी और ओएससी के बीच समान रूप से बाँटा जाएगा।   यदि किसी श्रेणी में योग्य उम्मीदवार नहीं मिलते हैं, तो शेष सीटें दूसरी श्रेणी के उम्मीदवारों को दी जाएंगी।

अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए मेरिट लिस्ट संयुक्त रूप से तैयार की जाएगी। चयन के बाद वरिष्ठता मेरिट अंकों के आधार पर तय होगी, चाहे उम्मीदवार डीएससी से हो या ओएससी से। उदाहरण के लिए अगर एक डीएससी उम्मीदवार के 50 अंक हैं और ओएससी उम्मीदवार के 51 अंक हैं, तो ओएससी उम्मीदवार को प्राथमिकता मिलेगी।

यदि कैडर में पदों की संख्या विषम है (जैसे 1, 3, 5, 7, 9), तो पहले डीएससी को प्राथमिकता मिलेगी.  जैसे कि 9 पद हैं, तो 5 पद डीएससी को और 4 पद ओएससी को मिलेंगे। अगली बार यदि पुनः 9 पद होते हैं, तो 4 पद डीएससी को और 5 पद ओएससी को दिए जाएंगे।

हरियाणा सरकार का यह कदम अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के बीच समान अवसर प्रदान करेगा और उन्हें सरकारी नौकरियों में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा। नई व्यवस्था के माध्यम से, राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों के साथ समान व्यवहार करने का प्रयास कर रही है।