हरियाणा में खत्म हुआ लाल डोरा विवाद, सैनी सरकार प्रदेश वासियों को देगी मालिकाना हक

Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने लाल डोरे के विवाद को खत्म करने के लिए बड़ी पहल की है। अब नगर निगम के दायरे में आने वाले भू-स्वामियों को मालिकाना हक दिया जाएगा। सरकार ने इसके लिए 'स्वामित्व योजना' शुरू की है, जिसके तहत भू-स्वामियों से एक निर्धारित राशि लेकर उन्हें संपत्ति का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।
नगर निगम हिसार में इस योजना के तहत दो दिवसीय शिविर आयोजित किया गया था। इसमें सातरोड क्षेत्र के 1441 भू-स्वामियों को लाभ दिया जाना तय किया गया। शिविर के दौरान करीब 56 आपत्तियां सामने आईं। इन आपत्तियों की सुनवाई नगर निगम सभागार में उप-निगम आयुक्त (डीएमसी) वीरेंद्र सहारण की उपस्थिति में की गई।
लाल डोरा विवाद और उसका समाधान
लाल डोरा उस भूमि को दर्शाता है जो ग्रामीण क्षेत्रों में घरों और अन्य निर्माणों के लिए उपयोग की जाती है लेकिन यह कानूनी रूप से रजिस्टर्ड नहीं होती। यह विवाद लंबे समय से लोगों के लिए समस्याओं का कारण बना हुआ है।
हरियाणा सरकार ने इन विवादों को खत्म करने के लिए भू-स्वामियों को प्रमाण-पत्र देने की प्रक्रिया शुरू की है। जिनकी संपत्तियां अब तक लाल डोरे के दायरे में थी, उन्हें मालिकाना हक दिया जाएगा। यह योजना न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बल्कि नगर निगम के तहत आने वाले इलाकों में भी लागू की जा रही है।
शिविर में मिली समस्याएं और समाधान
नगर निगम ने 11 दिसंबर 2024 को कार्यालय के गेट पर लाभार्थियों की सूची चस्पा की। इसके बाद शिविर लगाकर लोगों की आपत्तियां मांगी गईं।
शिविर के पहले दिन 56 आपत्तियां सामने आईं। इनमें से कई आपत्तियां दस्तावेज़ों से जुड़ी थी, जबकि कुछ लोग अपने मालिकाना हक की प्रक्रिया में सुधार चाहते थे।
आपत्ति दर्ज कराने वाले लोगों को सुनवाई के लिए अलग-अलग दिन बुलाया गया। वीरवार को, मुख्यमंत्री की व्यस्तता के बावजूद, नगर निगम अधिकारियों ने कई लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए समय निकाला।
लंबित फाइलों पर तुरंत कार्रवाई
लाल डोरा से जुड़े मामलों में कई फाइलें पिछले कुछ महीनों से अटकी पड़ी थीं। नई योजना के तहत वर्तमान निगमायुक्त ने इन फाइलों पर तेजी से काम करने का आदेश दिया।
अब इन भू-स्वामियों को अपने मालिकाना हक के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए नई प्रक्रिया शुरू की गई है।
भविष्य में और समाधान की उम्मीद
सरकार ने स्पष्ट किया है कि लाल डोरा विवाद को खत्म करने की प्रक्रिया अभी जारी है। जो लोग अभी तक अपनी संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन नहीं करवा सके हैं, उन्हें भी समय दिया जाएगा।
उप-निगम आयुक्त ने कहा कि आपत्तियों की सुनवाई के लिए नियमित रूप से समय निर्धारित किया जाएगा।