हरियाणा में रेलवे सुविधाएं पकड़ेंगी रफ्तार, यमुना नदी पर नया पुल बनकर तैयार

Haryana Kranti, चंडीगढ़: रेलवे ने यमुना नदी पर एक नए पुल का निर्माण (New Bridge On Yamuna River) पूरा कर लिया है जो पुराने लोहे के पुल के बराबर है। अब इस नये पुल पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू होने की उम्मीद है. एक महीने के अंदर इस पुल पर रेलवे लाइन बिछाने का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है और जल्द ही नए पुल का उद्घाटन हो सकता है.
पुराना लोहे का पुल, जो दिल्ली और गाजियाबाद को जोड़ता था, अब इतिहास बन जाएगा। इस नए पुल के चालू होने के बाद, रेलवे सेक्शन पर ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी। पुराने पुल पर कभी भीषण यातायात था, जिससे ट्रेनें अक्सर देरी से चलती थीं, लेकिन अब नए पुल के बन जाने से इस समस्या का समाधान हो जाएगा।
1998 में पुराने पुल के समान एक नया पुल बनाने की योजना शुरू हुई। 2011 में सलीमगढ़ किले के पास निर्माण में रुकावट आई, और ट्रैक को किले से बाईपास करने का निर्णय लिया गया। 2012 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से मंजूरी मिलने के बाद पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ। नए पुल पर ट्रेनों का संचालन जल्द ही शुरू होने वाला है।
ब्रिज नंबर 249, जो यमुना नदी पर स्थित है, केवल एक पुल नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर है। यह पुल 150 साल पुराना है और 1866 में कोलकाता और दिल्ली को जोड़ने के लिए बनाया गया था। इस पुल ने भाप से चलने वाली ट्रेनों का युग देखा है और आज भी डीजल और बिजली से चलने वाली ट्रेनों का संचालन इसी पुल पर होता है।
पुराना पुल दोमंजिला था, जिसमें ऊपरी हिस्से पर ट्रेनों का आवागमन होता था और निचले हिस्से पर वाहन चलते थे। नया पुल बनने के बाद भी पुराने पुल के निचले हिस्से पर वाहनों का संचालन जारी रहेगा। गांधी नगर और चांदनी चौक के बीच छोटे वाहनों का आवागमन बिना किसी रुकावट के जारी रहेगा।
पुराने पुल पर ट्रेनों का आवागमन प्रभावित होता था, लेकिन नए पुल से यह समस्या समाप्त हो जाएगी। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने पर पुराने पुल पर ट्रेनों की गति धीमी कर दी जाती थी, लेकिन अब नए पुल पर जलस्तर का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।पुराने पुल की सीमाओं के कारण ट्रेनें अक्सर देरी से चलती थीं, अब नए पुल से यह समस्या हल हो जाएगी।