New Expressway: इस राज्य में बनेगा नया एक्सप्रेसवे! 15 जिलों से जाम की समस्या हो जाएगी छूमंतर, देखें पूरी डीटेल

Expressway: राजस्थान राज्य सरकार ने एक नई ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना की शुरुआत करने का निर्णय लिया है, जो राज्य के यातायात और बुनियादी ढांचे में एक नया आयाम जोड़ेगा। यह परियोजना, जो नेशनल और स्टेट हाईवे नेटवर्क के बाद एक और महत्वपूर्ण कदम है, राज्य में यात्रा के समय को आधे से भी कम करने में मदद करेगी। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के माध्यम से लोग लंबी दूरी की यात्रा को जल्दी और आसानी से पूरा कर सकेंगे, जिससे समय की बचत और सुविधा दोनों मिलेंगे।
यह परियोजना मुख्य रूप से 15 जिलों से होकर गुजरेगी, और इन क्षेत्रों के लोग लंबी दूरी की यात्रा में भारी राहत महसूस करेंगे। इस एक्सप्रेस-वे की परियोजना का उद्देश्य सड़क यातायात को बेहतर बनाना और राज्य के विकास में योगदान करना है। राजस्थान में यह एक्सप्रेस-वे 2400 किलोमीटर की दूरी को कवर करेगा, और इस परियोजना को 90 हजार करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा।
इस परियोजना से राज्य में सड़क यातायात का बेहतरीन नेटवर्क तैयार होगा, जो ना केवल यात्रियों के लिए आरामदायक होगा बल्कि राज्य के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने में मदद मिलेगी, जिससे व्यापार और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।
यह परियोजना राजस्थान के 15 जिलों से होकर गुजरेगी। भूमि अधिग्रहण के लिए 1679 हेक्टेयर ज़मीन की आवश्यकता होगी, और यह अधिग्रहण आबादी से बाहर के क्षेत्रों में किया जाएगा ताकि मुआवजे की राशि कम से कम हो सके। एक्सप्रेस-वे में 4 से 6 लेन होंगे, जिससे यातायात क्षमता में वृद्धि होगी। परियोजना के लिए Detailed Project Report (DPR) तैयार किया जाएगा, और इसका कार्य 2025 तक शुरू करने की योजना है।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सरकार ने योजना बनाई है कि भूमि ऐसे क्षेत्रों से अधिग्रहित की जाएगी जो कम आबादी वाले हों। यह एक्सप्रेस-वे राजस्थान के विभिन्न हिस्सों को एक-दूसरे से जोड़कर यात्रा के समय को आधे से भी कम कर देगा। सड़क यातायात का बेहतरीन नेटवर्क राज्य के आंतरिक और बाहरी व्यापार को बढ़ावा देगा।
एक्सप्रेस-वे के निर्माण से राज्य में यातायात का तंत्र बेहतर होगा, जिससे राज्य के अन्य क्षेत्रों को भी लाभ होगा। यह परियोजना अपने आप में एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, क्योंकि इसमें बड़ी भूमि का अधिग्रहण और उच्च लागत शामिल है। हालांकि, सरकार ने भूमि अधिग्रहण को आबादी से बाहर के क्षेत्रों में करने का निर्णय लिया है ताकि मुआवजे की राशि कम हो सके।