New Highway: हरियाणा के इन 30 गांवों की बदलेगी तस्वीर, सैनी सरकार ने इस नए हाईवे को दे दी मंजूरी, जानें रूट प्लान

Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने पलवल, नूंह और गुरुग्राम जिलों के लिए एक बड़ी सौगात की घोषणा की है। होडल-नूंह-तावडू-बिलासपुर मार्ग को 4-लेन में परिवर्तित करने की योजना को मंजूरी दे दी गई है। इस परियोजना की कुल लागत 616 करोड़ 01 लाख रुपये आंकी गई है। इस नई सड़क के बनने से कई गांवों के निवासियों को सीधा लाभ मिलेगा और चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ाव में सुधार होगा।
मुख्यमंत्री की घोषणा का हिस्सा है यह परियोजना
इस परियोजना की मंजूरी वित्त मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित स्थायी वित्त समिति ‘सी’ की बैठक में दी गई। बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस परियोजना को हरी झंडी दी। बैठक में पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) मंत्री रणबीर गंगवा सहित वित्त विभाग, पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर), ऊर्जा विभाग और हाउसिंग फॉर आॅल विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।
यह परियोजना मुख्यमंत्री की घोषणा का हिस्सा है, जिसका मुख्य उद्देश्य होडल-नूंह-पटौदी-पटौदा मार्ग पर यातायात की दक्षता बढ़ाना है। इस परियोजना से चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों - दिल्ली-मथुरा-आगरा (एनएच-19), दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (एनई-4), गुरुग्राम-नूंह-राजस्थान (एनएच-248ए) और दिल्ली-जयपुर (एनएच-48) के साथ कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
इन गांवों को मिलेगा सीधा लाभ
होडल-नूंह-तावडू-बिलासपुर मार्ग के 4-लेन बनने से इस मार्ग के आसपास बसे कई गांवों को सीधा फायदा होगा। इन गांवों में बिलासपुर, पथरेरी, अडबर, बावला, भजलाका, बिवान, छारोडा, फतेहपुर, गोवारका, गुढ़ी, हुसैनपुर, जयसिंहपुर, झामुवास, कालिंजर, नूरपुर, पल्ला, रायपुरी, सतपुतियाका, सिलखों, सोंख, तेजपुर, उजिना, बहिन, भीमसिका, कोट, मलाई, नांगलजाट, सौंदहद, उत्तावर, शहर-नूंह, होडल और तावडू शामिल हैं।
इन गांवों के निवासियों को न केवल यात्रा में सुविधा मिलेगी बल्कि व्यापारिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। स्थानीय किसानों और छोटे व्यापारियों को अपने उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुंचाने में आसानी होगी।
नई टेंडर प्रणाली होगी लागू
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बैठक में लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों को टेंडर प्रक्रिया में सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग को ऑनलाइन बोली प्रक्रिया में आवश्यक बदलाव करने चाहिए ताकि टेंडर मिलने के बाद ठेकेदारों द्वारा परियोजना को छोड़ने की समस्या को हल किया जा सके।
नई प्रणाली के तहत, अगर सबसे कम बोली लगाने वाला (L-1) ठेकेदार किसी कारण से परियोजना को बीच में छोड़ देता है, तो अनुबंध स्वत: दूसरे सबसे कम बोली लगाने वाले (L-2) को दे दिया जाएगा। इस कदम से ठेकेदारों की असफलता के कारण परियोजना अधूरी नहीं रह पाएगी और समय की बचत होगी। इससे विकास कार्यों की गति में सुधार आएगा और सभी परियोजनाएं समय पर पूरी हो सकेंगी।
चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों से कनेक्टिविटी
यह नई 4-लेन सड़क परियोजना चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़ी जाएगी, जिससे यात्री और मालवाहक वाहनों के आवागमन में सुगमता आएगी। ये चार राजमार्ग हैं:
दिल्ली-मथुरा-आगरा (एनएच-19) - जो उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण हिस्सों से जोड़ता है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (एनई-4) - जो दिल्ली से मुंबई के बीच एक तेज और सुविधाजनक मार्ग है।
गुरुग्राम-नूंह-राजस्थान (एनएच-248ए) - जो हरियाणा के कई प्रमुख हिस्सों को राजस्थान से जोड़ता है।
दिल्ली-जयपुर (एनएच-48) - दिल्ली और जयपुर के बीच एक प्रमुख संपर्क मार्ग है।
यह कनेक्टिविटी न केवल स्थानीय नागरिकों के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि व्यापारिक दृष्टिकोण से भी अहम साबित होगी।
क्या होगा लाभ?
तेज यात्रा: इस सड़क के 4-लेन बनने से होडल, नूंह, तावडू और बिलासपुर के बीच यात्रा का समय कम हो जाएगा।
व्यापार में वृद्धि: व्यापारिक वाहनों की आवाजाही सुगम हो जाएगी, जिससे स्थानीय व्यापारियों और किसानों को लाभ होगा।
किसानों को फायदा: किसानों के उत्पादों को बड़े शहरों के बाजारों तक पहुंचाने में आसानी होगी।
गांवों का विकास: जिन गांवों से होकर यह मार्ग गुजरेगा, वहां व्यापार और आवागमन में वृद्धि के साथ-साथ विकास कार्यों में भी तेजी आएगी।
मुख्यमंत्री का आदेश
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि टेंडर प्रक्रिया में सुधार किया जाए ताकि परियोजनाओं में अनावश्यक देरी न हो। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों की असफलता के कारण परियोजनाओं को अधूरा छोड़ने की समस्या को नई प्रणाली के तहत हल किया जाएगा।
नई प्रणाली के तहत अगर L-1 (सबसे कम बोली लगाने वाला) ठेकेदार परियोजना को बीच में छोड़ देता है, तो अनुबंध स्वत: L-2 बोली लगाने वाले को दे दिया जाएगा। इस प्रणाली से परियोजनाओं के समय पर पूरा होने की संभावना बढ़ जाएगी और काम की गति में सुधार होगा।
हरियाणा सरकार की इस परियोजना से लाखों लोगों को फायदा मिलेगा और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी। यह कदम प्रदेश के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।