रेलवे ने हरियाणा को दिया बड़ा तोहफा, हिसार में बनेंगी 2 नई पिट लाइनें और 4 स्टेबलिंग लाइनें

Haryana Kranti, चंडीगढ़: हिसार के रेल यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। बीकानेर रेलवे मंडल ने हिसार स्टेशन से लंबी दूरी की ट्रेनों के संचालन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत हिसार स्टेशन पर 2 नई पिट लाइनों और 4 स्टेबलिंग लाइनों के निर्माण के लिए 63.66 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस परियोजना से हिसार के यात्रियों को लंबी दूरी की ट्रेनों की सुविधा मिलने की उम्मीद है।
लंबी दूरी की ट्रेनों का बेस बनेगा हिसार
बीकानेर मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) डॉ. आशीष कुमार ने बताया कि हिसार को लंबी दूरी की ट्रेनों का बेस बनाने के लिए पूरी योजना तैयार कर ली गई है। उन्होंने कहा कि वाशिंग और मेंटेनेंस के लिए हिसार स्टेशन पर पहले से एक पिट लाइन है, लेकिन अब दो और पिट लाइनों और 4 स्टेबलिंग लाइनों के निर्माण का प्रस्ताव पास हो गया है।
क्यों लिया गया ये फैसला?
हिसार में बन रहे एयरपोर्ट और दिन-प्रतिदिन बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। पिछले एक साल से इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था। रेलवे के इंजीनियरों ने लगभग 8 महीने पहले बीकानेर डिवीजन को दो नए वाशिंग यार्ड का प्रस्ताव भेजा था। अब इस प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड की मंजूरी मिल गई है।
क्या होंगे फायदे?
लंबी दूरी की ट्रेनों की शुरुआत - अब हिसार से सीधी लंबी दूरी की ट्रेनें शुरू हो सकेंगी।
ट्रेनों का बेहतर रखरखाव - नई पिट लाइनों और स्टेबलिंग यार्ड्स के कारण ट्रेनों की वाशिंग और मेंटेनेंस जल्दी हो सकेगी।
ट्रेनों का ठहराव समय घटेगा - वाशिंग यार्ड में ट्रेन को आमतौर पर 4-5 घंटे तक रुकना पड़ता है। दो अतिरिक्त वाशिंग यार्ड बनने से ट्रेनों के रुकने का समय कम होगा।
यात्रियों को ज्यादा ट्रेनें मिलेंगी - यात्रियों को अब लंबी दूरी के लिए और अधिक ट्रेनों का विकल्प मिलेगा।
कैसे होगा काम?
इस योजना के तहत हिसार स्टेशन पर मौजूदा वाशिंग लाइन का विस्तार किया जाएगा और दो नई पिट लाइनों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, रैक के खड़े करने के लिए 4 स्टेबलिंग लाइनों का निर्माण भी किया जाएगा। इन लाइनों पर ट्रेनों की मरम्मत और रखरखाव के काम होंगे। यह परियोजना 2025 तक पूरी होने की संभावना है।
बीकानेर डीआरएम का बयान
बीकानेर मंडल रेल उपयोगकर्ता परामर्श समिति के सदस्य आकाश ने बताया कि फिलहाल हिसार स्टेशन पर एक ही पिट लाइन है, जिसके लगभग सभी स्लॉट भरे हुए हैं। इस कारण हिसार से नई लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन करना मुश्किल हो गया था। लेकिन अब नई पिट लाइनों और स्टेबलिंग यार्ड के निर्माण के साथ, ट्रेनों के संचालन में कोई परेशानी नहीं आएगी।
डीआरएम डॉ. आशीष कुमार ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है और जल्द ही इस परियोजना की टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उनका मानना है कि इस कदम से हिसार के यात्रियों को 2025 तक लंबी दूरी की ट्रेनों की बड़ी सौगात मिल सकती है।
परियोजना की लागत और समयसीमा
हिसार रेलवे स्टेशन पर वाशिंग यार्ड, पिट लाइन और स्टेबलिंग लाइन के निर्माण के लिए 63.66 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस प्रोजेक्ट का काम 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। इस दौरान यात्रियों को ट्रेनों के संचालन में असुविधा न हो, इसके लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे।
यात्रियों के लिए क्या बदलेगा?
इस परियोजना के पूरा होने के बाद हिसार के यात्रियों को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों के लिए सीधी ट्रेन सेवा मिल सकती है। इससे यात्रियों को बार-बार दिल्ली या जयपुर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
रेलवे बोर्ड का नजरिया
रेलवे बोर्ड ने भी हिसार स्टेशन को एक महत्वपूर्ण बेस के रूप में विकसित करने के प्रस्ताव को गंभीरता से लिया है। वाशिंग और रखरखाव सुविधाओं के विस्तार के साथ, रेलवे बोर्ड लंबी दूरी की नई ट्रेन सेवाएं शुरू करने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही, यह कदम हिसार की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगा।
क्या है वाशिंग यार्ड का महत्व?
वाशिंग यार्ड वह स्थान होता है, जहां ट्रेनों की सफाई और मेंटेनेंस किया जाता है। आमतौर पर, एक ट्रेन को वाशिंग यार्ड में 4-5 घंटे तक रुकना पड़ता है। लेकिन एक ही वाशिंग यार्ड होने के कारण कई बार ट्रेनों को अधिक समय तक रुकना पड़ता है। हिसार में दो अतिरिक्त वाशिंग यार्ड बनने से इस समस्या का समाधान हो जाएगा और ट्रेनों की सफाई और मरम्मत तेजी से हो सकेगी।
अगले कदम
इस परियोजना के तहत अब जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बाद, वाशिंग यार्ड और पिट लाइन के निर्माण का काम शुरू होगा। रेलवे के अधिकारियों का मानना है कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद हिसार स्टेशन की स्थिति पूरी तरह बदल जाएगी।