Sirsa News: सिरसा में प्रशासन का सख्त रुख, पराली जलाने पर किसान और उनके बेटों पर एफआईआर दर्ज

सिरसा जिले में पराली जलाने की घटनाओं पर प्रशासन की सख्ती जारी है। शुक्रवार को सिरसा के गांव बनसुधार में एक किसान और उसके दो पुत्रों ने अपने खेत में पराली को आग लगा दी। जानकारी मिलने पर कृषि अधिकारी अभिमन्यु मौके पर पहुंचे और पुलिस को शिकायत देकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की। इसके आधार पर सिरसा के सदर थाना पुलिस ने किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
जिले में पराली जलाने पर सख्त पाबंदी
जिलाधीश शांतनु शर्मा ने 18 सितंबर 2024 से सिरसा जिले में फसल कटाई के बाद बचे अवशेषों, विशेषकर पराली, को जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) द्वारा 10 दिसंबर 2015 को पारित आदेश के अनुसार, धान की पराली जलाना कानूनी अपराध है, और इसके उल्लंघन पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। सिरसा जिले में अब तक पराली जलाने की 18 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं।
घटना का विवरण
शुक्रवार को हुई इस घटना में गांव बनसुधार के किसान अविनाश चंद्र, उनके बेटे साहिल और समाइल ने एक एकड़ खेत में पराली जलाई। सूचना मिलते ही कृषि अधिकारी अभिमन्यु घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जांच करवाई। इसके बाद, उन्होंने पुलिस को शिकायत सौंपी और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर ली और मामला दर्ज कर लिया गया है।
पराली जलाने के दुष्परिणाम और प्रशासन की सख्ती
पराली जलाने से वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है, जिससे पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) और सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए कड़े कानून बनाए हैं। पराली जलाने से निकलने वाला धुआं हवा की गुणवत्ता को बुरी तरह प्रभावित करता है और कई बार इससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यही कारण है कि सरकार ने इस पर सख्ती से रोक लगाने के आदेश दिए हैं।