Sirsa News: सिरसा में पराली जलाने के मामलों में तेजी! कृषि विभाग ने 21 किसानों पर दर्ज की FIR

सिरसा जिले में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने से पर्यावरण और स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। इसे देखते हुए कृषि विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए कड़े प्रावधान लागू किए हैं। हाल ही में कृषि उप निदेशक डॉ. सुखदेव कंबोज ने बताया कि जिले के विभिन्न गांवों में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा जिन किसानों ने पराली जलाने के नियमों का उल्लंघन किया है उनके खिलाफ FIR दर्ज की जा रही है और जुर्माना भी लगाया जा रहा है।
21 किसानों पर FIR
सिरसा जिले में इस वर्ष पराली जलाने के मामलों में वृद्धि देखी गई है जिससे हवा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। कृषि विभाग ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए 21 किसानों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इसके साथ ही इन किसानों पर लगभग 32,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस कदम का उद्देश्य किसानों को पराली जलाने से रोकना और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
कृषि विभाग चला रहा है जागरूकता अभियान
कृषि उप निदेशक डॉ. कंबोज के अनुसार पराली जलाने की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। किसानों को बताया जा रहा है कि पराली को जलाने के बजाय उसे मिट्टी में मिलाने से उनकी फसलों की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और मिट्टी की गुणवत्ता भी सुधरती है। इसके अलावा पराली को बंडल बनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है जिससे वे आसानी से पराली का निपटान कर सकें और पर्यावरण को नुकसान से बचाया जा सके।
पराली प्रबंधन के लिए प्रोत्साहन योजनाएं
हरियाणा सरकार और कृषि विभाग ने किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की हैं। इनमें किसानों को पराली को मिट्टी में मिलाने या बायोमास ब्रिकेट्स बनाने के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। इस पहल से न केवल मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ रही है बल्कि इससे किसानों की आय में भी वृद्धि हो रही है। कृषि विभाग ने बताया कि अब गांवों में दिन-रात पहरा देने की व्यवस्था की जा रही है ताकि पराली जलाने की घटनाओं को रोका जा सके। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके और ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके।
सख्त नियम लागू
कृषि विभाग के अनुसार इस बार किसानों को चेतावनी देने के बजाय सख्त कार्रवाई की जा रही है। जिन किसानों ने पराली जलाने के आदेशों का पालन नहीं किया उनके खिलाफ जुर्माना और FIR का प्रावधान है। इससे किसानों में डर का माहौल है और वे अब पराली जलाने से परहेज कर रहे हैं। इसके अलावा सरकार ने पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए हैं। किसानों को यह समझाया जा रहा है कि पराली जलाने से वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें उत्सर्जित होती हैं जो हवा की गुणवत्ता को खराब करती हैं और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
किसानों को मिल रहा है तकनीकी समर्थन
पराली प्रबंधन के लिए तकनीकी सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है। कृषि विभाग किसानों को हैप्पी सीडर, मल्चर और स्ट्रॉ रीपर जैसी मशीनों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इसके अलावा मशीनों पर सब्सिडी भी दी जा रही है ताकि छोटे और सीमांत किसान भी इनका उपयोग कर सकें। डॉ. कंबोज ने बताया कि जिन किसानों ने पराली जलाने की बजाय इन तकनीकों का उपयोग किया है उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इससे किसानों को फसलों की पैदावार बढ़ाने में मदद मिल रही है और पराली जलाने की समस्या भी कम हो रही है।