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अब मिलेगा जाममुक्त सफर का आनंद, सोहना रेलवे ओवर ब्रिज को 2 लेन से 4 लेन में बदलेगा करोड़ों का प्रोजेक्ट 

हरियाणा सरकार द्वारा सोहना रेलवे ओवर ब्रिज को 2 लेन से 4 लेन में बदलने की योजना अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुँच चुकी है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बल्लभगढ़ और एनआईटी (National Institute of Technology) जाने वाले वाहन चालकों को जाम से राहत प्रदान करना है। वर्तमान में, सोहना रेलवे ओवर ब्रिज पर प्रतिदिन लगभग 50,000 लोग यात्रा करते हैं, लेकिन यह दो लेन का ब्रिज होने के कारण अक्सर ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न होती है।
 
Sohna Railway Over Bridge

Sohna Railway Over Bridge: हरियाणा सरकार द्वारा सोहना रेलवे ओवर ब्रिज को 2 लेन से 4 लेन में बदलने की योजना अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुँच चुकी है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बल्लभगढ़ और एनआईटी (National Institute of Technology) जाने वाले वाहन चालकों को जाम से राहत प्रदान करना है। वर्तमान में, सोहना रेलवे ओवर ब्रिज पर प्रतिदिन लगभग 50,000 लोग यात्रा करते हैं, लेकिन यह दो लेन का ब्रिज होने के कारण अक्सर ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न होती है।

सोहना रेलवे ओवर ब्रिज पर जाम की समस्या
सोहना रेलवे ओवर ब्रिज पर भारी यातायात होता है, और इस दो लेन के ब्रिज के कारण वाहन चालकों को रोज़ाना जाम का सामना करना पड़ता है। वर्तमान स्थिति में, लोग एक 5 मिनट के सफर के लिए 30 मिनट तक इंतजार करते हैं। जाम से बचने के लिए, लोग अन्य वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेते हैं, जैसे नीलम-अजरौंदा और बाटा पुल, लेकिन इससे उन रास्तों पर भी अतिरिक्त ट्रैफिक बढ़ जाता है, जिससे स्थिति और भी बिगड़ जाती है।

परियोजना की लागत और प्रक्रिया
इस परियोजना की कुल लागत 65 करोड़ रुपये अनुमानित है। एचएसआरबीडीसी (हरियाणा राज्य सड़क एवं पुल विकास निगम) ने इस योजना के लिए आवश्यक भूमि की खरीद प्रक्रिया पूरी कर ली है। भूमि की रजिस्ट्री प्रक्रिया अगले 10 दिनों में पूरी कर दी जाएगी, जिसके बाद निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जनवरी 2025 तक निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है, और इस परियोजना के पूरा होने के बाद, सोहना रेलवे ओवर ब्रिज को 2 से 4 लेन में बदलने से जाम की समस्या का समाधान होगा।

भूमि की खरीद और अतिक्रमण हटाना
सोहना रेलवे ओवर ब्रिज को चार लेन में बदलने के लिए एक एकड़ भूमि की आवश्यकता थी, जो कुछ उद्योगों की खाली पड़ी जमीन पर आधारित थी। एचएसआरबीडीसी ने इन उद्योगों से भूमि खरीदने की सहमति बनाई और अतिक्रमण हटवाने का कार्य शुरू कर दिया है। अब, जनवरी के पहले सप्ताह तक भूमि की रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, जिसके बाद निर्माण कार्य की नींव रखी जाएगी।

परियोजना के लाभ
इस परियोजना से कई फायदे होंगे, विशेष रूप से बल्लभगढ़ और एनआईटी क्षेत्र के नागरिकों के लिए। इस परियोजना के बाद राजीव कॉलोनी और औद्योगिक क्षेत्रों के लोग राष्ट्रीय राजमार्ग से बल्लभगढ़, पलवल की ओर आसानी से जा सकेंगे। बाटा रेलवे ओवर ब्रिज और नीलम-अजरौंदा रेलवे ओवर ब्रिज पर वाहनों का दबाव कम होगा। वाहन चालकों को जाम से राहत मिलेगी, और यात्रा का समय कम होगा।

निर्माण समय सीमा
सोहना रेलवे ओवर ब्रिज को 2 लेन से 4 लेन में बदलने के इस महत्वपूर्ण परियोजना का निर्माण कार्य 18 माह में पूरा होने की उम्मीद है। इस समय सीमा के भीतर, बल्लभगढ़ से एनआईटी जाने वाले रास्ते में यातायात को सुगम और तेज़ बनाने के लिए सभी जरूरी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। इसके बाद, वाहन चालकों को जाम की समस्या से राहत मिलेगी और यात्रा की सुविधा में काफी सुधार होगा।