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हरियाणा सरकार ने यमुनानगर के शहर बिलासपुर का नाम बदला, जानें क्या होगा नया नाम 

 
 
जानें क्या होगा नया नाम

Haryana Kranti, चंडीगढ़: 14 जनवरी 2025 को हरियाणा सरकार ने यमुनानगर जिले के बिलासपुर शहर का नाम बदलकर 'व्यासपुर' करने का आदेश जारी किया। यह निर्णय महर्षि वेद व्यास की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को सम्मानित करने के उद्देश्य से लिया गया है।

महर्षि वेद व्यास का ऐतिहासिक महत्व

महर्षि वेद व्यास, जिन्हें महाभारत के रचयिता के रूप में जाना जाता है, का इस क्षेत्र से गहरा संबंध है। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने यहीं पर महाभारत की रचना की थी। बिलासपुर के पास स्थित व्यास गुफा को उनकी तपोस्थली माना जाता है, जहां वे ध्यान और लेखन कार्य करते थे। स्थानीय लोगों की लंबे समय से मांग थी कि शहर का नाम बदलकर व्यासपुर किया जाए, ताकि इस ऐतिहासिक धरोहर को उचित सम्मान मिल सके।

स्थानीय संगठनों की भूमिका

बिलासपुर शहर की सामाजिक संस्थाएं, जैसे व्यास नगर समिति, श्रीराम नाटक समिति, व्यास रक्तदाता समिति, और व्यासपुर उत्थान समिति ने इस नाम परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन संगठनों ने नगर परिषद के समक्ष प्रस्ताव रखा, जिसे 3 मार्च 2022 को पारित किया गया था। बाद में, राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए भेजा गया।

व्यास गुफा का विकास और संरक्षण

नगर परिषद बिलासपुर के अध्यक्ष कमलेंद्र कश्यप और उपाध्यक्ष कमल गौत्तम ने व्यास गुफा को ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विकसित करने की मांग की है। यह स्थान 4 वेद, 18 पुराण, और 36 उपनिषदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास की जन्मस्थली के रूप में प्रसिद्ध है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से न केवल सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण होगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

कपाल मोचन तीर्थ का महत्व

बिलासपुर, जिसे अब व्यासपुर के नाम से जाना जाएगा, कपाल मोचन तीर्थ के लिए भी प्रसिद्ध है। यह स्थान हिंदू और सिख धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है, जहां हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मेला आयोजित होता है। कपाल मोचन सरोवर में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलने की मान्यता है। व्यासपुर के नाम परिवर्तन से इस तीर्थस्थल का महत्व और बढ़ेगा।