हरियाणा सरकार ने प्रदेश वासियों को दिया बड़ा तोहफा, अब इन गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों मिलेगी ₹3,000 मासिक पेंशन

Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने थैलेसीमिया और हीमोफीलिया जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि इन बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को अब प्रति माह ₹3,000 की दिव्यांग पेंशन प्रदान की जाएगी। यह निर्णय 15 दिसंबर 2024 को अधिसूचित किया गया है, जिससे प्रदेश के लगभग 2,083 मरीजों को लाभ होगा।
कौन होंगे पात्र?
आय सीमा: वे मरीज जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय ₹3 लाख तक है, इस पेंशन के पात्र होंगे।
निवास: लाभार्थी को हरियाणा का मूल निवासी होना चाहिए और कम से कम तीन वर्षों से राज्य में निवास कर रहा हो।
आयु सीमा: 18 वर्ष से अधिक आयु के मरीज इस पेंशन के लिए पात्र होंगे।
राज्य पर वित्तीय भार
इस योजना से राज्य के खजाने पर वार्षिक लगभग ₹7.49 करोड़ का भार पड़ेगा। वर्तमान में हरियाणा में थैलेसीमिया के 1,300 और हीमोफीलिया के 783 मरीज हैं, जो इस पेंशन का लाभ उठा सकेंगे।
पेंशन के लिए आवेदन प्रक्रिया
प्रमाणपत्र: मरीज को संबंधित सिविल सर्जन से थैलेसीमिया या हीमोफीलिया का प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा।
आवेदन: प्रमाणपत्र और आवश्यक दस्तावेजों के साथ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में आवेदन करना होगा।
सत्यापन: सिविल सर्जन द्वारा हर वर्ष मरीज की स्थिति का सत्यापन किया जाएगा।
थैलेसीमिया और हीमोफीलिया: एक परिचय
थैलेसीमिया: यह एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिसमें शरीर में हीमोग्लोबिन का उत्पादन कम या असामान्य होता है। इससे मरीज को बार-बार रक्त चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है।
हीमोफीलिया: यह एक रक्तस्राव विकार है, जिसमें खून का थक्का बनने की प्रक्रिया प्रभावित होती है, जिससे मामूली चोट भी गंभीर रक्तस्राव का कारण बन सकती है।
सरकार की संवेदनशीलता
यह पहल सरकार की संवेदनशीलता और स्वास्थ्य सेवा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस पेंशन से मरीजों और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता मिलेगी, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा
हरियाणा सरकार का यह कदम अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन सकता है, ताकि वे भी ऐसी नीतियां लागू करें जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों की मदद करें।
योजना का क्रियान्वयन
सरकार को इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देना होगा, ताकि जरूरतमंद लोग इसका लाभ आसानी से प्राप्त कर सकें। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाना और आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाना आवश्यक होगा।