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नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे कर देगा हरियाणा वालों की चांदी ही चांदी! किसानों पर बरसेगी लक्ष्मी, मिलेगा जमीन का डबल पैसा 

उत्तर भारत और पश्चिम भारत के बीच यात्रा करने वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) और 152डी ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे (Haryana Expressway) को जोड़ने के कारण, उत्तर भारत से मुंबई तक का सफर आसान और तेज़ होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया है, जिससे यात्रा की दूरी और समय दोनों में कमी आएगी।
 
Haryana Expressway

Haryana Kranti, चंडीगढ़: उत्तर भारत और पश्चिम भारत के बीच यात्रा करने वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) और 152डी ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे (Haryana Expressway) को जोड़ने के कारण, उत्तर भारत से मुंबई तक का सफर आसान और तेज़ होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया है, जिससे यात्रा की दूरी और समय दोनों में कमी आएगी।

86.5 किमी लंबा ग्रीनफील्ड लिंक एक्सप्रेसवे

इस एक्सप्रेसवे के तहत, 86.5 किमी लंबा ग्रीनफील्ड लिंक एक्सप्रेसवे पनियाला (हरियाणा) से शुरू होकर, अलवर (राजस्थान) में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। इसकी लागत करीब 1,400 करोड़ रुपये होगी। इस नए मार्ग से यात्रा करने वाले वाहन सीधे मुंबई एक्सप्रेसवे पर चढ़ सकेंगे, जिससे यात्रा की गति में वृद्धि और समय की बचत होगी।

ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे के फायदे

नया मार्ग चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों से आने वाले वाहनों के लिए दूरी और समय दोनों में कमी करेगा। अब तक, उत्तर भारत से आने वाले वाहन लंबे रास्ते से गुजरते थे, लेकिन अब नया मार्ग उन्हें सीधा और तेज़ रास्ता प्रदान करेगा। यह एक्सप्रेसवे हरियाणा के कई जिलों को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ने में मदद करेगा, जिससे स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।एक्सेस-कंट्रोल तकनीक से डिजाइन किया गया यह मार्ग ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं को कम करेगा।

ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे का निर्माण समय

प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और यह परियोजना अगले दो साल में पूरी हो जाएगी। परियोजना निदेशक मुकेश कुमार ने बताया कि उनकी टीम इस एक्सप्रेसवे के निर्माण को समय पर पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे: पर्यावरण और सुरक्षा के लिए

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का मतलब है कि यह नया मार्ग पर्यावरण के अनुकूल होगा। एक्सेस-कंट्रोल तकनीक का उपयोग करते हुए इसे डिज़ाइन किया जाएगा, जिससे ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी। इस तरह का डिज़ाइन न केवल यात्रा को सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाएगा।

चंडीगढ़ से जयपुर का सफर अब होगा आसान

इस एक्सप्रेसवे के खुलने से चंडीगढ़ से जयपुर की दूरी भी कम हो जाएगी। अब तक, यह मार्ग लंबा और थकान भरा था, लेकिन अब यह सुगम और किफायती हो जाएगा। इस नए मार्ग से यात्रा न केवल तेज़ होगी, बल्कि कम समय में पहुंचने की सुविधा भी मिलेगी।

उत्तर भारत और पश्चिम भारत का व्यापार

यह परियोजना सिर्फ यात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि व्यापारियों के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। उत्तर भारत और पश्चिम भारत के बीच व्यापार और परिवहन में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। इससे ना केवल माल परिवहन की गति बढ़ेगी, बल्कि व्यापारिक कनेक्टिविटी भी सुधरेगी।