हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों की बल्ले बल्ले कराएगा यह एक्सप्रेसवे! यहाँ यहाँ जमीनों के दाम पकड़ेंगे स्पीड, जानें

Expressway: भारत सरकार ने अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के साथ देश के सबसे बड़े आर्थिक गलियारे में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। इस एक्सप्रेसवे ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के बीच कनेक्टिविटी को पूरी तरह से बदल दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 जुलाई 2024 को इस 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का लोकार्पण किया, जो भारत माला परियोजना के तहत बन रहा है। इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से यात्रा के समय में भारी कमी आई है, और विशेष रूप से राजस्थान के कई जिलों को इससे फायदा होगा।
23 घंटे का सफर 12 घंटे में का रह जाएगा
पहले अमृतसर से जामनगर तक 23 घंटे का समय लगता था, जो अब 12 घंटे में सिमट जाएगा। यह मार्ग दोनों शहरों के बीच सफर करने वालों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। एक्सप्रेसवे का 45% हिस्सा राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर और बाड़मेर जिलों से होकर गुजरता है। इससे इन क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और इनकी कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। इस एक्सप्रेसवे के रास्ते में बठिंडा और सूरतगढ़ स्थित थर्मल पॉवर प्लांट और तेल रिफाइनरी जुड़ेंगी, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में भी वृद्धि होगी।
एक्सप्रेसवे से जुड़ी महत्वपूर्ण सुविधाएँ
वाहन 100 किमी/घंटा की गति से दौड़ सकेंगे। ट्रैफिक की सुचारू निगरानी के लिए एटीएमएस का उपयोग किया जाएगा। दूरी के हिसाब से टोल शुल्क लिया जाएगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी। बठिंडा, बाड़मेर, और जामनगर की तेल रिफाइनरी को जोड़ा जाएगा। एक्सप्रेसवे की कुल लागत ₹22,500 करोड़ है, जिसमें राजस्थान हिस्से की लागत ₹14,707 करोड़ है। 7 पोर्ट और 8 बड़े एयरपोर्ट जुड़ेंगे, जिससे व्यापारिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी।
एक्सप्रेसवे से होने वाले लाभ
एक्सप्रेसवे से औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि होगी, विशेष रूप से बीकानेर, जोधपुर, कच्छ और जामनगर में, जो पहले से ही औद्योगिक केंद्र बन चुके हैं। अमृतसर, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर और कच्छ जैसे पर्यटन स्थलों को अब हाई स्पीड कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे इन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, और गुजरात के बीच सीधी कनेक्टिविटी स्थापित करेगा, जिससे व्यापार, यातायात और विकास के अवसर बढ़ेंगे।
विस्तार की संभावना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भविष्य में इस 6 लेन एक्सप्रेसवे को 10 लेन में बदला जा सकता है, ताकि बढ़ते यातायात की जरूरतों को पूरा किया जा सके। इससे भारत माला परियोजना के तहत पूरे भारत को जोड़ने में मदद मिलेगी और इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा।