हरियाणा में नए कानून से इन कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, अब नहीं सताएगा भविष्य का डर

हरियाणा सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य के संविदा, तदर्थ और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए ‘हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (assurance of service) विधेयक 2024’ पारित कर दिया है। इस विधेयक का उद्देश्य उन हजारों कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा प्रदान करना है जो कई वर्षों से राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस विधेयक को विधानसभा में पारित करने के बाद संविदा कर्मचारियों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है जो लंबे समय से नौकरी की अनिश्चितता से जूझ रहे थे। यह कदम उन कर्मचारियों के लिए वरदान साबित होगा जिन्होंने अपना जीवन सरकारी सेवाओं में लगा दिया लेकिन अब तक नियमित रोजगार की कमी के कारण भविष्य की अनिश्चितता का सामना कर रहे थे।
सरकार का उद्देश्य इस विधेयक के माध्यम से उन कर्मचारियों को सुरक्षा देना है, जो लंबे समय से अनुबंध के आधार पर काम कर रहे हैं। इस विधेयक के तहत ऐसे कर्मचारी जो वर्षों से संविदा पर काम कर रहे हैं, उन्हें सेवा की सुनिश्चितता मिलेगी। यह विधेयक उन कर्मचारियों के लिए विशेष राहत प्रदान करेगा जो अपनी आयु सीमा के कारण सरकारी नौकरियों के लिए अब आवेदन करने में अक्षम हो गए हैं। विभिन्न सरकारी विभागों में संविदा और तदर्थ आधार पर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या काफी अधिक है। लेकिन नियमित भर्ती न होने के कारण उनकी स्थिति बेहद जटिल हो गई थी। सरकार के इस कदम से अब इन कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा मिलेगी और उन्हें भविष्य की अनिश्चितता से मुक्ति मिलेगी।
उच्च न्यायालय के आदेश और सरकार की प्रतिबद्धता
हरियाणा उच्च न्यायालय में दायर एल0पी0ए0 576/2023 (दर्शना देवी बनाम हरियाणा राज्य) मामले के तहत सरकार ने इस विधेयक को लाने की प्रतिबद्धता जताई थी। इस मामले में अदालत ने संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण और उनके रोजगार की सुरक्षा के लिए कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया था। अदालत ने कहा था कि जिन कर्मचारियों ने वर्षों तक सरकारी सेवाएं दी हैं उन्हें कार्यमुक्त करना उनके साथ अन्याय होगा। इस आदेश के बाद सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि उन कर्मचारियों को जो पूर्व में स्वीकृत पदों के अभाव के कारण नियमित नहीं हो सके थे उन्हें भी सेवा की सुरक्षा प्रदान की जाए।
विधेयक के प्रमुख प्रावधान
- नौकरी की सुरक्षा: जो संविदा कर्मचारी वर्षों से सरकारी सेवा में कार्यरत हैं, उन्हें बिना किसी नई परीक्षा या भर्ती प्रक्रिया के उनकी सेवाओं को सुरक्षित किया जाएगा।
- आयु सीमा में छूट: ऐसे कर्मचारी जो संविदा के आधार पर कई वर्षों से काम कर रहे हैं और अब आयु सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें नौकरी की सुरक्षा का लाभ मिलेगा।
- सरकारी विभागों में स्थिरता: यह विधेयक सरकारी कार्यों में निरंतरता सुनिश्चित करेगा, जिससे सरकारी विभागों का कामकाज और अधिक प्रभावी ढंग से हो सकेगा।
14 अगस्त 2024 को अधिसूचना जारी
हरियाणा सरकार ने 14 अगस्त 2024 को ‘हरियाणा संविदा कर्मचारी (सेवा की सुरक्षा) अध्यादेश, 2024’ को अधिसूचित किया था। यह विधेयक उसी अध्यादेश की पुष्टि और विस्तार है, जिससे राज्य के संविदा कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा मिल सके। सरकार का कहना है कि इस विधेयक से संविदा कर्मचारियों के बीच फैली अनिश्चितता और तनाव को दूर करने में मदद मिलेगी। यह विधेयक संविदा कर्मचारियों को स्थायी नौकरी का लाभ प्रदान करेगा और उन्हें भविष्य की चिंता से मुक्ति दिलाएगा।
अनुबंधित कर्मचारियों के लिए बड़ा कदम
सरकार का यह निर्णय उस समय आया है जब संविदा कर्मचारी लंबे समय से नौकरी की सुरक्षा की मांग कर रहे थे। पिछले कुछ वर्षों में, राज्य के विभिन्न हिस्सों में संविदा कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किए थे। इस विधेयक के पारित होने के बाद संविदा कर्मचारियों के लिए भविष्य सुरक्षित हो गया है। यह निर्णय न केवल संविदा कर्मचारियों के हित में है, बल्कि इससे सरकारी विभागों में कार्य की स्थिरता भी बढ़ेगी।
कानूनी विवादों से मुक्ति
यह विधेयक सरकार के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि इससे संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर चल रहे कानूनी विवादों का समाधान हो जाएगा। इससे न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या में कमी आएगी और प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी। हरियाणा सरकार के इस कदम से अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल पेश की गई है। अब अन्य राज्य भी संविदा कर्मचारियों के लिए इसी तरह की नीतियां बनाने पर विचार कर सकते हैं।