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हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी, रेलवे कॉरिडोर के लिए होगा भूमि अधिग्रहण और मिलेगा मोटा मुआवजा

 
रेलवे कॉरिडोर

Haryana Kranti, चंडीगढ़: दिल्ली से अमृतसर के बीच प्रस्तावित हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर के निर्माण के लिए सर्वे का काम तेज़ी से जारी है। यह प्रोजेक्ट, जिसमें बुलेट ट्रेन चलाने की योजना है, उत्तर रेलवे और पंजाब शहरी नियोजन एवं विकास प्राधिकरण (PUDA) द्वारा मिलकर संचालित किया जा रहा है।

यह कॉरिडोर 465 किलोमीटर लंबा होगा, और इसकी ट्रेनें 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी। दिल्ली से अमृतसर का सफर महज 2 घंटे में पूरा होगा। यह रेल लाइन चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा की कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगी।

भूमि अधिग्रहण और मुआवजा योजना

परियोजना के लिए पंजाब और हरियाणा के कुल 343 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इनमें हरियाणा के 157 और पंजाब के 186 गांव शामिल हैं। किसानों को उनकी जमीन के बदले पांच गुना मुआवजा देने की योजना है। मुआवजे की प्रक्रिया में हर गांव के कलेक्टर रेट को आधार माना जाएगा।

हरियाणा में जींद, रोहतक, सोनीपत, और कैथल जैसे जिलों के किसान इस योजना का हिस्सा बनेंगे। पंजाब में लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, और मोहाली सहित अन्य जिलों की जमीन अधिग्रहण की जाएगी। यह अधिग्रहण दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे और आसपास के क्षेत्रों से होकर गुजरेगा।

बुलेट ट्रेन: 13 प्रमुख स्टेशन और अत्याधुनिक सुविधाएं

इस हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर पर 13 प्रमुख स्टेशन प्रस्तावित हैं। इनमें दिल्ली, आसौधा, रोहतक, जींद, कैथल, लुधियाना, और अमृतसर शामिल हैं। ट्रेन में एक बार में 750 यात्री सफर कर सकेंगे।

गाड़ी की औसत गति 250 किलोमीटर प्रति घंटा और अधिकतम गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि हरियाणा और पंजाब के विकास में भी तेजी आएगी।

पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव

रेलवे और केंद्र सरकार ने किसानों और पर्यावरण पर इस परियोजना के प्रभाव को कम करने की योजनाएं बनाई हैं। ग्रीनफील्ड परियोजना के तहत लाइन को उन क्षेत्रों से गुजरने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जहां आबादी कम है।

इस परियोजना को 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सर्वे और निर्माण प्रक्रिया के दौरान स्थानीय समुदायों की राय भी ली जा रही है।