गेहूं स्टॉक करने वाले किसानों को हो सकता है बड़ा नुकसान! OMSS स्कीम से गिर सकते हैं दाम

Haryana Kranti, New Delhi: किसानों ने बेहतर दाम की उम्मीद में अपना गेहूं स्टॉक कर रखा था, लेकिन अब सरकार की ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। अक्टूबर 2024 से सरकार कम कीमत पर गेहूं (Wheat mandi Bhav) खुले बाजार में बेचने की योजना बना रही है, जिससे किसानों के मुनाफे में भारी कमी हो सकती है।
सरकार इस साल 55 लाख टन गेहूं बेचेगी, और 2325 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बिक्री करेगी, जो कि बाजार दर से काफी कम है। इससे किसानों को उनके स्टॉक किए हुए गेहूं के अच्छे दाम मिलने में परेशानी होगी।
36,97,784 किसानों ने 2024-25 रबी सीजन में अपने गेहूं की बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था, जिनमें से 21,06,394 किसानों ने अपना गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेचा। बाकी किसानों ने ऊंचे दाम की उम्मीद में गेहूं स्टॉक कर लिया था।
सरकार की OMSS योजना के तहत सस्ते दाम पर गेहूं की बिक्री से स्टॉक किए गए गेहूं की कीमतों पर असर पड़ेगा, जिससे किसानों को नुकसान होगा। व्यापारी और रोलर फ्लोर मिल्स अब किसानों से ऊंची कीमतों पर गेहूं खरीदने में रुचि नहीं दिखाएंगे।
ग्वालियर के किसान जो 170 क्विंटल गेहूं स्टॉक करके बैठे हैं, उन्हें अब इस योजना के चलते भारी हानि उठानी पड़ सकती है, क्योंकि बाजार में कीमतें गिरने की आशंका है।
किसानों को सरकार की ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के चलते गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। गेहूं की कम कीमत पर बिक्री से उन्हें मुनाफा कमाने में कठिनाई होगी, और व्यापारी भी ऊंचे दामों पर गेहूं खरीदने से बचेंगे।