Green Chilli Farming: हरी मिर्च की खेती करें किसान भाई! चमक जाएगी किस्मत, बोरा भरके होगी कमाई

Green Chilli Farming: जहानाबाद जिले (Jehanabad district) के किसान प्रेमचंद ने हरी मिर्च की खेती (Chilli Farming) से अपनी किस्मत बदल ली है। पहले परंपरागत खेती करने वाले प्रेमचंद को मिर्च की खेती से जबरदस्त मुनाफा हुआ। इस लेख में हम जानेंगे कैसे हरी मिर्च की खेती ने उनके जीवन में बदलाव लाया और यह व्यवसाय कैसे एक अच्छा अवसर बन सकता है।
हरी मिर्च की खेती से आय:Income from green chilli farming
प्रेमचंद ने हरी मिर्च की खेती की शुरुआत मखदुमपुर प्रखंड स्थित जगपुरा गांव में की थी। पहले वह परंपरागत खेती करते थे, लेकिन इससे उनकी आमदनी स्थिर नहीं थी। ऐसे में उन्होंने हरी मिर्च की खेती का रुख किया और आज वह इस खेती से अच्छा लाभ कमा रहे हैं।
मिर्च की खेती में सफलता की कहानी:Success story in chilli farming
प्रेमचंद ने अपनी मिर्च की बुआई अगस्त महीने में की थी। बुआई से पहले खेत की जुताई, कोड़ाई और खाद का प्रयोग किया जाता है। प्रेमचंद मिर्च में ब्यूटी प्रभेद लगाते हैं, जिससे 45 दिनों में मिर्च फलने लगती है। 15 दिनों से मिर्च तोड़ने का कार्य जारी है और वह सवा कट्ठे में 2 क्विंटल मिर्च प्राप्त कर चुके हैं। एक सीजन में प्रेमचंद की कमाई 50,000 रुपये तक हो जाती है।
मिर्च की खेती का लाभ:Benefits of chilli farming
मिर्च की खेती एक लाभकारी विकल्प बन चुकी है, खासकर किसानों के लिए जिनके पास सीमित भूमि है। इसके अलावा, किसानों को इस व्यवसाय में मौसम के अनुकूलता पर निर्भर रहना पड़ता है, क्योंकि मौसम का साथ न मिलने पर उत्पादन पर असर पड़ सकता है।
मिर्च की खेती में खर्च व कमाई:Expense and earnings in chilli farming
प्रेमचंद बताते हैं कि मिर्च की खेती में कुल खर्च 5,000 रुपये से ज्यादा आता है। अगर मौसम सही रहता है तो प्रति सीजन 50,000 रुपये तक कमाई हो सकती है।प्रेमचंद की खेती से न सिर्फ उनके परिवार का भरण-पोषण हो रहा है, बल्कि उनके पास एक स्थिर आय का स्रोत भी है। इसके अलावा, मिर्च की खेती के बाद मिर्च के सूखने पर लाल मिर्च का उत्पादन किया जाता है, जो अलग से बेचा जाता है। इससे अतिरिक्त आय होती है।