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8th Pay Commission: लो जी इंतजार हुआ समाप्त, आ गया आठवाँ वेतन आयोग, देखें केंद्र सरकार की नई घोषणा  

आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) की चर्चा हाल ही में जोर पकड़ चुकी है। यह आयोग सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों, और पेंशन के पैटर्न में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए गठित किया जा रहा है। यह कदम बढ़ती महंगाई और कर्मचारियों की घटती क्रय शक्ति को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। ऐसे में, आठवां वेतन आयोग एक आवश्यक पहल साबित हो सकता है।
 
8th Pay Commission

8th Pay Commission: आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) की चर्चा हाल ही में जोर पकड़ चुकी है। यह आयोग सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों, और पेंशन के पैटर्न में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए गठित किया जा रहा है। यह कदम बढ़ती महंगाई और कर्मचारियों की घटती क्रय शक्ति को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। ऐसे में, आठवां वेतन आयोग एक आवश्यक पहल साबित हो सकता है।

आठवां वेतन आयोग क्यों जरूरी है?

वर्तमान समय में, सरकारी कर्मचारियों की आय में महंगाई की दर के मुकाबले बहुत धीमी वृद्धि हो रही है। इससे उनकी क्रय शक्ति में कमी आई है। इसके परिणामस्वरूप, कर्मचारियों की जीवनशैली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इस स्थिति को सुधारने के लिए आठवां वेतन आयोग जरूरी हो गया है, जिससे कर्मचारियों को उनके मौजूदा वेतन के मुकाबले बेहतर और न्यायसंगत वेतन पैकेज मिल सके।

इस आयोग के द्वारा कर्मचारियों की आय में वृद्धि हो सकती है, जो उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाएगी। इसके अलावा, युवाओं को सरकारी नौकरियों की ओर आकर्षित करने के लिए भी बेहतर वेतन पैकेज का होना अत्यंत आवश्यक है।

आठवे वेतन आयोग से कितनी बढ़ेगी सैलरी 

कर्मचारियों के मूल वेतन में 20 से 25% तक वृद्धि हो सकती है। महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) की गणना के तरीके में बदलाव की संभावना है, जिससे कर्मचारियों को अधिक राहत मिलेगी। वर्तमान में न्यूनतम वेतन ₹18,000 प्रति माह है, जिसे बढ़ाकर ₹26,000 से ₹30,000 तक किया जा सकता है। फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3.0 या इससे अधिक किया जा सकता है, जिससे कर्मचारियों का वेतन और भत्ते बढ़ेंगे।

वेतन आयोग  

पहला वेतन आयोग: 1946 में गठित किया गया।
दूसरा वेतन आयोग: 1957 में स्थापित किया गया।
तीसरा वेतन आयोग: 1970 में अपनी सिफारिशें दीं।
चौथा वेतन आयोग: 1983 में गठित किया गया।
पाँचवां वेतन आयोग: 1994 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
छठा वेतन आयोग: 2006 में लागू हुआ।
सातवां वेतन आयोग: 2016 में लागू किया गया।