लो जी! खुल गया एक और नया शानदार एक्सप्रेसवे, 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से सरपट दौड़ेंगी गाड़ियां, इन इलाकों की चमक गई किस्मत

New Expressway: बैंगलोर-चेन्नई एक्सप्रेसवे (Bangalore-Chennai Expressway) के निर्माण से दक्षिण भारत में ट्रांसपोर्टेशन और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में बड़े बदलाव होंगे। यह एक्सप्रेसवे (New Exressway) सिर्फ यात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि देश के विकास में भी बड़ा योगदान देगा। इसके पूरा होने के बाद, बैंगलोर और चेन्नई के बीच यात्रा फर्राटेदार हो जाएगी।
NHAI बना रहा एक्सप्रेसवे
बेंगलुरु और चेन्नई के बीच यात्रा को तेज और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण (NHAI) द्वारा बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। इस राजमार्ग का पहला खंड, जो कर्नाटक से आंध्र प्रदेश तक फैला है, अब जनता के लिए खुला है। 71 किलोमीटर का रास्ता पहले से ही उपयोग के लिए उपलब्ध है।
बेंगलुरु से चेन्नई तक का सफर महज 3 घंटे में होगा पूरा
इस मार्ग के खुलने से लंबी दूरी तक वाहन चलाने में सुविधा होगी, लेकिन अभी यह एक सीमित मार्ग है, जिसके लिए यहां से यू-टर्न लेकर वापस आना होगा और इसके ठीक बगल में कोई शहर नहीं है। एक्सप्रेसवे का लक्ष्य दोनों शहरों में यात्रा को तेज़ करना और वाणिज्यिक गतिविधि को बढ़ावा देना है। इसके तैयार हो जाने पर बेंगलुरु से चेन्नई तक का सफर महज 3 घंटे में संभव हो सकेगा, जबकि पहले इस सफर में 6 घंटे तक का समय लगता था।
बाद में इसे 8 लेन का किया जाएगा
यह एक 4-लेन राजमार्ग है, जिसे भविष्य में 8 लेन तक विस्तारित करने की योजना है। इसकी टॉप स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। यह मार्ग कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा, जिससे इन राज्यों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इस राजमार्ग के निर्माण के बाद बेंगलुरु और चेन्नई के बीच यात्रा की दूरी भी कम हो गई है। अ
दोनों शहरों के बीच की दूरी रह जाएगी 260 KM
भी तक दोनों शहरों के बीच की दूरी 350 किलोमीटर है, जो इस हाईवे के बनने के बाद घटकर सिर्फ 260 किलोमीटर रह जाएगी. इससे न सिर्फ यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि यह मार्ग व्यावसायिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा. हाईवे का निर्माण ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत किया गया था, जो पर्यावरण की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है। हालाँकि, वन्य जीवन और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इस मार्ग का एक हिस्सा चित्तूर वन प्रभाग और रायला हाथी रिजर्व से भी होकर गुजरेगा।